Bihar : 250 साल पुराने पटना कलेक्ट्रेट ढहाए जाने की हाई कोर्ट की मंजूरी को, विरासत विशेषज्ञ ने बड़ा झटका कहा
हाई कोर्ट (High Court) के आदेश पर सदियों पुराने पटना कलेक्ट्रेट (Patna Collectorate) परिसर को ढहाए जाने की कार्रवाई शुरू होने के एक दिन बाद रविवार को विरासत से जुड़े विशेषज्ञों ने इस फैसले को देशभर में ऐतिहासिक संरक्षण को लेकर जारी नागरिक प्रयासों के लिए बड़ा झटका बताया.
पटना : हाई कोर्ट (High Court) के आदेश पर सदियों पुराने पटना कलेक्ट्रेट (Patna Collectorate) परिसर को ढहाए जाने की कार्रवाई शुरू होने के एक दिन बाद रविवार को विरासत से जुड़े विशेषज्ञों ने इस फैसले को देशभर में ऐतिहासिक संरक्षण को लेकर जारी नागरिक प्रयासों के लिए बड़ा झटका बताया. विशेषज्ञों ने आशंका जतायी कि यह फैसला एक खराब मिसाल कायम करेगा. शीर्ष अदालत द्वारा परिसर के विध्वंस का मार्ग प्रशस्त करने के एक दिन बाद शनिवार को बुलडोजर ने पटना कलेक्ट्रेट परिसर में वर्ष 1938 में बने जिला बोर्ड पटना भवन के सामने के स्तंभों को गिरा दिया. इस भवन के कुछ हिस्से डच काल के दौरान बनाए गए थे.
रविवार को ब्रिटिश-युग की इस इमारत का अग्र भाग तहस नहस नजर आ रहा था, क्योंकि तत्कालीन बर्मा से लाई गई सागौन की लकड़ी से बने दरवाजे और अन्य सजावटी चीजों को दीवारों से बाहर निकाल दिया गया था. इसके अलावा बैठक हॉल के अंदर के भित्ति स्तंभ बुलडोजर चलने के कारण मलबे के ढेर में बदल गये थे. अदालत के आदेश ने देश-विदेश के धरोहर प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया है. कोलकाता के लेखक अमित चौधरी ने बताया कि वह स्तब्ध हैं कि कुछ लोग पहली बार में ऐसी ऐतिहासिक इमारतों को ध्वस्त करना चाहते थे.
चौधरी ने कहा, ‘‘मैं फैसला सुनाने से पहले अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों को पढ़कर अधिक चकित था, जो मुझे लगता है कि ऐतिहासिक इमारतों को विध्वंस से बचाने के लिए देशभर के जन अभियानों के लिए एक भयानक झटका होगा.”चौधरी, जो अपने शहर की विरासत को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला ‘एक बहुत खराब मिसाल कायम करेगा’. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे डर है कि कल किसी भी असुरक्षित पुरानी इमारत को कलेक्ट्रेट के मामले का हवाला देते हुए गिराया जा सकता है.”